उसका अपना कुछ नहीं... पर सब उसी से है...
#उसका अपना कुछ नहीं... पर सब उसी से है...
औरत -जो अनंत है, अपने आप मे...
उसे तीन अक्षरों के एक शब्द में पिरोया है|
उसका अपना कुछ नहीं...पर सब उसी से है...
उसकी इज्जत, परिवार की मर्यादा है...
उसका माथा, जिसमें सिंदूर तेरे नाम का है...
उसका गला, जिसमें मंगलसूत्र तेरे नाम का है...
उसका अपना कुछ नहीं...पर सब उसी से है...
उसकी कलाई, जिसमें चूड़ियां तेरे नाम की हैं|
उसके हाथ, जिसमें मेहंदी तेरे...
औरत -जो अनंत है, अपने आप मे...
उसे तीन अक्षरों के एक शब्द में पिरोया है|
उसका अपना कुछ नहीं...पर सब उसी से है...
उसकी इज्जत, परिवार की मर्यादा है...
उसका माथा, जिसमें सिंदूर तेरे नाम का है...
उसका गला, जिसमें मंगलसूत्र तेरे नाम का है...
उसका अपना कुछ नहीं...पर सब उसी से है...
उसकी कलाई, जिसमें चूड़ियां तेरे नाम की हैं|
उसके हाथ, जिसमें मेहंदी तेरे...