“अधूरा”
अधूरी किताबों के
पन्ने अधूरे
अधूरे अधूरे हैं
लम्हे भी मेरे
मोहब्बत अधूरी
फ़साने अधूरे
अधूरे हैं देखें
सभी खिलते चेहरे
नमी अपनी आंखों की
सब से छुपाते
किसी को तो देखा है
दरिया बहाते
मगर देखा जितना
लगा मुझको उतना
अधूरा अधूरा
नहीं कुछ भी पूरा
हंसी भी अधूरी
हैं आंसू अधूरे
ना ग़म ही हैं पूरे
न चेहरे भी पूरे
© Arshi zaib
पन्ने अधूरे
अधूरे अधूरे हैं
लम्हे भी मेरे
मोहब्बत अधूरी
फ़साने अधूरे
अधूरे हैं देखें
सभी खिलते चेहरे
नमी अपनी आंखों की
सब से छुपाते
किसी को तो देखा है
दरिया बहाते
मगर देखा जितना
लगा मुझको उतना
अधूरा अधूरा
नहीं कुछ भी पूरा
हंसी भी अधूरी
हैं आंसू अधूरे
ना ग़म ही हैं पूरे
न चेहरे भी पूरे
© Arshi zaib
Related Stories