कठपुतली
कठपुतली
किसी ने हाथ पकड़ झुला दिया
किसी ने लात लगाकर गिरा दिया
हम ज़िंदा हैं खुद के लिए
यही एक सत्य भुला दिया
औरों के लिए जीने लगे हैं
हँसतें भी कहाँ अपने लिए हैं
न जाने ज़िन्दगी की
किस डोर से बंध गए हैं
खुद को भुला कर
दूसरों की कठपुतली
से बन कर रह गये है।
@satender_tiwari_brokenwords
【itsme_stb/Instagram/youtube】
© Satender_Tiwari_Brokenwords
किसी ने हाथ पकड़ झुला दिया
किसी ने लात लगाकर गिरा दिया
हम ज़िंदा हैं खुद के लिए
यही एक सत्य भुला दिया
औरों के लिए जीने लगे हैं
हँसतें भी कहाँ अपने लिए हैं
न जाने ज़िन्दगी की
किस डोर से बंध गए हैं
खुद को भुला कर
दूसरों की कठपुतली
से बन कर रह गये है।
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