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बलात्कार- आखिर गलती किसकी है?
बलात्कार
आखिर गलती किसकी है?
उस दो साल की नन्ही कली की
जो खिलने से पहले ही मुरझा गयी।
या उस 85 साल की औरत की
जो बेडौल शरीर के साथ तुम्हारा शिकार हो गयी।
या उस साडी वाली औरत की
जिसकी कमर की झलक तुम्हे दिख गयी।
या उस छोटे कपडे वाली लडकी की
जिसे देखकर तुम्हारी हवस जाग गयी।
जब हिन्दू मुस्लिम या मुस्लिम हिन्दू के साथ यह हरकत करता है
तो तुम उसे मजहब का नाम देते हो।
और अगर मसला जात का ना हो
तो तुम छोटे कपड़ो को मुद्दा बना लेते हो।
हमेशा पाश्चात्य संस्कृति को कोसने वालो
क्या प्राचीन भारत मे कभी नारी शोषण नही हुआ?
हर बात मे दूसरो को दोषी ठहराने वालो
क्या कभी खुद के जमीर से तुम्हारा सामना नही हुआ?
आज एक बाप को दहेज का डर नही सताता है
पर तुम्हारी हवस देखकर बेटी होते ही वो सहम जाता है।
क्यूँ पालेगा वो उस नन्ही सी जान को आखिर
पालने मे वो होती है पर पैर तुम्हारा दिख जाता है।
तुम दो मिनट, दो बूँद, दो इंच की जगह के लिये
जिंदगियों से खेल जाते हो।
अरे! तुम कहा उनका दर्द समझोगे,
तुम तो सुख सुविधाओ के साथ जेल जाते हो।
तुम्हे लगा सदियो से औरतो को दबाते आये हो
और अब भी दबाते रहोगे।
संभल जाओ! कानून कुछ करे ना करे,
अगर ये जाग गयी तो तुम कही के नही रहोगे।
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आखिर गलती किसकी है?
उस दो साल की नन्ही कली की
जो खिलने से पहले ही मुरझा गयी।
या उस 85 साल की औरत की
जो बेडौल शरीर के साथ तुम्हारा शिकार हो गयी।
या उस साडी वाली औरत की
जिसकी कमर की झलक तुम्हे दिख गयी।
या उस छोटे कपडे वाली लडकी की
जिसे देखकर तुम्हारी हवस जाग गयी।
जब हिन्दू मुस्लिम या मुस्लिम हिन्दू के साथ यह हरकत करता है
तो तुम उसे मजहब का नाम देते हो।
और अगर मसला जात का ना हो
तो तुम छोटे कपड़ो को मुद्दा बना लेते हो।
हमेशा पाश्चात्य संस्कृति को कोसने वालो
क्या प्राचीन भारत मे कभी नारी शोषण नही हुआ?
हर बात मे दूसरो को दोषी ठहराने वालो
क्या कभी खुद के जमीर से तुम्हारा सामना नही हुआ?
आज एक बाप को दहेज का डर नही सताता है
पर तुम्हारी हवस देखकर बेटी होते ही वो सहम जाता है।
क्यूँ पालेगा वो उस नन्ही सी जान को आखिर
पालने मे वो होती है पर पैर तुम्हारा दिख जाता है।
तुम दो मिनट, दो बूँद, दो इंच की जगह के लिये
जिंदगियों से खेल जाते हो।
अरे! तुम कहा उनका दर्द समझोगे,
तुम तो सुख सुविधाओ के साथ जेल जाते हो।
तुम्हे लगा सदियो से औरतो को दबाते आये हो
और अब भी दबाते रहोगे।
संभल जाओ! कानून कुछ करे ना करे,
अगर ये जाग गयी तो तुम कही के नही रहोगे।
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