...

9 views

साथ लेते चलो
मुस्कुराते चलो, हर दर्द को मिटाते चलो
खुशियां बांटते चलो ,गम को साथ लेते चलो
खुद को निखारते चलो, मलीनता को निकालते चलो
बड़ों को हाथ जोड़ते चलो , बच्चों पे हाथ फेरते चलो
साथियों से हाथ मिलाते चलो, गिरते हुए को उठाते चलो
किसी की मुस्कान बनते चलो, किसी को हौसला देते चलो
सबको अपना बनाते चलो , अपने दर्द में मुस्कुराते चलो
जुगनू की तरह टिमटिमाते चलो ,
अंधेरे में किसी को रास्ता दिखाते चलो
क्या पाया क्या खोया भूलते चलो ,जो है उसे बांटते चलो
कौन अपना कौन पराया ये भेद झुठलाते चलो
संचित किए धन को दीमक लगने से बचाते चलो
जो पाया है उसको सबमें बांटते चलो
प्रकृति से लेते चलो प्रकृति को देते चलो
सामंजस्य से बैर किसको सामंजस्य बनाते चलो
आपसी दरारों को भरते चलो , अपनी भूल सुधारते चलो
दो पल की जिंदगी है मिठास घोलते चलो
दुख की छाया पड़ने ना पाए खुशी के गीत गाते चलो
हार जीत बस दो पहलू हैं दोनों को अपनाते चलो
चलने का नाम जिंदगी है रुकने का नाम अंत है
हर नेक रास्ते को आजमाते चलो, कर्म अपना करते चलो
ज्ञान के दीप जलाते चलो ,अंधकार को भगाते चलो
सोई हुई चेतना को जगाते चलो
मानव जीवन को सफल बनाते चलो।

© anu singh