तुम्हें चाहा ,तुम्हारा दिदार किया
तुम्हें चाहा ,तुम्हारा दिदार किया
टूट कर तुमसे जानी, प्यार किया
देखा तक नहीं किसी को नज़रें उठा कर, आंखें कर ली
ऐसे तुमसे यार किया
तुम्हें चाहा ,तुम्हारा,,,,,,
आह! निकलती रही दिल से
मर्यादा में रहा कहीं नहीं तुम्हें तंग यार किया
अपने को संयम में रखा और सुनता आपका पुकार गया
ऐसे तुमसे जानी टुट कर प्यार किया
तुम्हें चाहा ,तुम्हारा,,,,,,
खो दिया मुस्कान
किस वक्त तक नहीं तेरा इंतजार किया
जिंदगी जीवनदीप...
टूट कर तुमसे जानी, प्यार किया
देखा तक नहीं किसी को नज़रें उठा कर, आंखें कर ली
ऐसे तुमसे यार किया
तुम्हें चाहा ,तुम्हारा,,,,,,
आह! निकलती रही दिल से
मर्यादा में रहा कहीं नहीं तुम्हें तंग यार किया
अपने को संयम में रखा और सुनता आपका पुकार गया
ऐसे तुमसे जानी टुट कर प्यार किया
तुम्हें चाहा ,तुम्हारा,,,,,,
खो दिया मुस्कान
किस वक्त तक नहीं तेरा इंतजार किया
जिंदगी जीवनदीप...