हर पेड़ कुछ केहता हैं
चुप हूँ कुछ बोलता नहीं तो ये ना समझ मेरी कोई औकात नहीं.......
काटने से पहले कुछ तो सोच तेरी चीता...
काटने से पहले कुछ तो सोच तेरी चीता...