आकाश के नक्शे
एक शाम छत की मुंडेर पर बैठे,
आकाश की ओर ताकते हुए,
न जाने कितने सारे चित्र,
आकाश के पटल पर,
चलते फिरते नज़र आ रहे थे।
एक शाम छत की मुंडेर पर बैठे,
आकाश की ओर ताकते हुए,
आकाश के पटल पर,
न जाने कितने भालुओं को,
अपने बच्चों के साथ,
गुदगुदाते और मस्ती करते देखा।
एक शाम छत...
आकाश की ओर ताकते हुए,
न जाने कितने सारे चित्र,
आकाश के पटल पर,
चलते फिरते नज़र आ रहे थे।
एक शाम छत की मुंडेर पर बैठे,
आकाश की ओर ताकते हुए,
आकाश के पटल पर,
न जाने कितने भालुओं को,
अपने बच्चों के साथ,
गुदगुदाते और मस्ती करते देखा।
एक शाम छत...