...

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sare Jahan se acha Hindustan hamara
मज़हब के इस लड़ाई में,
इंसानों का बटवारा हो गया,
भाई –भाई न रहा, हिंदू और मुसलमान हो गया।

दोस्ती रूठी, यारी छूटी
बच्चो में भी फूट पड़ी मजहब के अब नाम की,
टूटने को है वो कड़ी जो जोड़े थी हिंदुस्तान को।

मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना,
हिंदी है हम , वतन है, हिंदुस्तान हमारा,
सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा

ये कहोगे किस जबां से ,
जब रहेगा न हिंदुस्तान हमारा ,

हुई थी लड़ाई पहले भी मज़हब के नाम की,
बही थी नदिया खून की मासूमों के जान की,
बटा था भारत हमारा – हिंदुस्तान और पाक में,

कर मजहब की लड़ाई ,क्या तुम फिर हिंदुस्तान को बाटना चाहते हो,
क्या तुम एक बार फिर अपने ही हाथो से अपना ही अंग कटना चाहते हो,,?

फूल और फल को भी न बक्शा तुमने
न बक्शा तुमने बेजुबान को
और कितने टुकड़ों में  बाटना चाहते हो
हमारे हिंदुस्तान को।


© AK 💕 "crush 🥰"