...

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काश मेरा बचपन फिर आता...!!!
काश मेरा बचपन फिर आता….
दिल खुशियों से भर जाता।
बचपन की जब होती है बातें….
अचानक ही यूँ याद आ जाते हैं,
वो दिन, वो शरारतों भरी रातें।
उस वक्त कितना था, लोगों के लिए अपनापन….
कितना प्यारा था, मेरा वो बचपन।
वो स्कूल में टीचर को करंट पेन लगाना….
फिर उनके सामने, बिल्कुल मासूम बन जाना।
बचपन में, ना कुछ पाने की ,कोई ख्वाहिश होती थी….
और, ना कुछ खोने का,कोई गम होता था।
बस जीते चले जाते थे, इन अंतरंग पलों की जिंदगी को….
दशहरा पर...