...

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आंखे........
हर आंखों की अपनी भाषा ,
हर आंखों की अपनी निशानी हैं
आंखो की कोई बात न पूछो,
हर आंख की अपनी कहानी है।
आंखो से आंखे मिलती जब
दिल लाचार हो जाता है
रात की निंदिया उड़ जाती है
छीन जाता है दिल का चैन
मन उड़ान भरने लगता है
जब मिल जाते है बावरे नैन
हर आंखों की अपनी प्रेम कथा,
हर आंखों की अपनी नादानी है
इन आंखों की बात ना पूछो
ये आंखे बडी सयानी है।


कितने ही साम्राज्य डूबे,
इन आंखो की गहराई में
कितनी ही तलवारे चली
इन आंखों की तरुनाई में
अमर कथा लिखी गई कई
इन शर्मीले आंखो पर
कितने गीत लिखे कवियों ने
इन लजिले आंखो पर
कथा अनंत है इन आंखों की
अद्भुत इनकी माया है
जो डूबा है इन आंखो में
उसने उतना पाया है ।


सुख सपने लेकर सोते हम
जब सावधान सरहद की आंखें
वतन सुरक्षित तबतक जबतक
निगेहबान सरहद की आंखे
सजग नेत्र वह भारत मां का
तिरंगे की शान वे आंखे
खून की होली खेलने वाली
भारत की अभिमान वे आंखे
उन आंखों को याद करे हम
जिसने दी कुर्बानी है
उन आंखों को नमन के हम
उनकी अमर कहानी है
हर आंखो की अपनी भाषा है
हर आंखो की अपनी निशानी है
आंखो की कोई बात न पूछो
हर आंख की अपनी कहानी है .........