नादान ख़्वाब
#सपनेऔरदुःस्वप्न
करें विरोधाभास,
टूटे जब कभी विश्वास।
स्वर्णिम से सपने,
तलाशे हरजगह अपने।
थे नितांत अकेले,
मगर न,थमे सिलसिले।
मन को झकझोरें,
व्यर्थ...
करें विरोधाभास,
टूटे जब कभी विश्वास।
स्वर्णिम से सपने,
तलाशे हरजगह अपने।
थे नितांत अकेले,
मगर न,थमे सिलसिले।
मन को झकझोरें,
व्यर्थ...