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दोस्ती की बुनियाद
शिकायत नहीं है अब तुमसे बस इतनी सी बात मान लेना
सच और दिखावा में अन्तर तुम पहचान लेना
हमारी दोस्ती की बुनियाद इतनी कमजोर नहीं
बात नहीं होती अब फिर भी कोई बात नहीं...
अहसास तो हमें होता है एक कराहे तो दूजा रोता है
दिल की बातों को दफन कर, क्यूं दिमाग का खेल होता है...?
होता अगर ये दिमाग का रिश्ता तो हर पल ये अहसास ना होता..
इन दूरियों के बीच एक-दूसरे के लिए इन्तजार ना होता..
खफा भले ही होना दोस्त, पर दूर हमसे कभी ना होना तुम
बड़ी मुश्किलों से मिलते है, दिल के रिश्ते, कभी मना लूं मैं तुम्हें, तो कभी मुझे मना लेना तुम
© 💥बावरी💥
सच और दिखावा में अन्तर तुम पहचान लेना
हमारी दोस्ती की बुनियाद इतनी कमजोर नहीं
बात नहीं होती अब फिर भी कोई बात नहीं...
अहसास तो हमें होता है एक कराहे तो दूजा रोता है
दिल की बातों को दफन कर, क्यूं दिमाग का खेल होता है...?
होता अगर ये दिमाग का रिश्ता तो हर पल ये अहसास ना होता..
इन दूरियों के बीच एक-दूसरे के लिए इन्तजार ना होता..
खफा भले ही होना दोस्त, पर दूर हमसे कभी ना होना तुम
बड़ी मुश्किलों से मिलते है, दिल के रिश्ते, कभी मना लूं मैं तुम्हें, तो कभी मुझे मना लेना तुम
© 💥बावरी💥
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