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khud ke saath jeena bhi kaafi lagta hai
ना बैठे भले ही मेरे साथ कोई हरदम तो जरा सा भी अकेलापन नहीं महसूस होता क्योंकि चांद तारों से बातें करके रात बिताना भी काफी अच्छा लगता है

ना जानूं अगर किसी को भी तो कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि राधा कृष्ण को हर रोज थोड़ा थोड़ा जानना भी काफी अच्छा लगता है

ना मिले दाल के साथ अचार और चटनी का जायका, पर हो अगर सूखी रोटी के साथ प्याज भी तो खाने का स्वाद भी काफी मजेदार लगता है

आने वाले कल में जिंदगी का रुख किसी भी मोड़ पर हो पर कुछ शामे उन बेजुबान जानवरों के नाम हो तो इस जहांन में बार बार आना भी काफी अच्छा लगता है।

नींद ना बुने अगर सपनों के धागे तो क्या गम , गीतों के अल्फाजों के साथ छोटे-छोटे ख्याल बुनना भी मुझे दुनिया का एक हसीन ख्वाब लगता है

ठिठुरते मौसम में रजाई में पैर पसार के सोने में जो सुकून मिलता है कभी-कभी उस सुकून को उन गरीबों की झोली में डालना भी दिल को काफी अच्छा लगता है।

ना आए दोस्तों की प्यार भरी चिट्टियां आजकल के स्मार्टफोन के जमाने में...