...

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मेरी तन्हा रातें.... (पार्ट 1)
मै ही अकेला जगता रहा पूरी रात,
जबकि सभी सो चुके है।
लेकिन मेरी आंखों मे से,
वो मीठे सपने कही खो चुके है।
आने नहीं देते नींद, इन आँखो मे कुछ ऐसे धोके,
जो अपनो ने किये हो।
कोइ भी नहीं है ऐसा मेरे साथ,
जिसने कभी मेरे जख्म सियें हो।
समस्या तो उससे भी कही ज्यादा बड़ी है।
यहां बात सिर्फ धोखा नहीं,
और भी रूकावटे,
मेरे और मेरी नींद के बीच मे खड़ी है।
वो हैकुछ ऐसे राज़, कुछ ऐसी डरावनी बातें।
वो आपनो के कोई शाक,
और वो तनो भारी बातें।
सब सोचते है मै हूँ अजीब,
क्युकी वो देखते है मेरी ऊपरी तस्वीर।
पर किसी ने कोसिस भी नहीं कि कभी जानने कि,
आखिर क्या है मेरे अंदर कि वो बातें।
दिन मे तो जस्बातो को छिपाना,
मुमकिन सा होता है।
पर रातों को हर जाता हूँ मे जब मेरा सामना खुद से होता है।
नहीं कह पाता मै झूठ खुदसे,
क्यूंकि सच्च क्या है,
ये सिर्फ मै जानता हूँ।
पर इसमें मेरा भी तो कोई कसूर नहीं,
ये भी मै मानता हूँ।
कई राते कटी है मैंने,
तन्हा और अकेले।
कभी नहीं मिला कोई ऐसा,
जो मेरे गमों को भी ले ले।
जब रोता हूँ मै, तो कोई नहीं पूछता,
क्या है वज़ह इन आँखों को भिगाने कि।
पर एक बार हसीं दू तू सब पूछते है,
क्या वज़ह थी बेवज़ह मुस्कराने कि।
मैंने इस दुनियां से तो कभी उम्मीद ही ना कि थी,
कि वो मुझे समझ पाएंगे। पर दिल तो तब तीता जब पता चला मेरे आपने भी,
मेरे भीतर के समंदर से अनजान रह जायेंगे।

sumit
#insideofme #raaten #night #raatkibaat
@sumit123
(please read 2nd part also )


© sumit123