मेरी यादों में आज भी,,,
मेरी यादों में आज भी बीते गुज़रे लम्हे हैं
इक अधूरी किताब है और उसके सफहे हैं,,
मेरे नए ख्वाबों में भी चेहरा तुम्हारा है,,
मेरे बागों में भी मोहब्बत के गुंचे...
इक अधूरी किताब है और उसके सफहे हैं,,
मेरे नए ख्वाबों में भी चेहरा तुम्हारा है,,
मेरे बागों में भी मोहब्बत के गुंचे...