लो कलयुग आ गया
रामचन्द्र जो कह गए सिया से
दास्तां दे गये आने वाले युग का
कलयुग वो कहलाया है ।
बन्धन नहीं प्रेम का यहां
अपनों से अपनापन न रहा
मां बाप न पूजे जाते जहां
मित्रों से शत्रुता का व्यवहार
तो आ...
दास्तां दे गये आने वाले युग का
कलयुग वो कहलाया है ।
बन्धन नहीं प्रेम का यहां
अपनों से अपनापन न रहा
मां बाप न पूजे जाते जहां
मित्रों से शत्रुता का व्यवहार
तो आ...