#रिश्तों की नीव
रिश्ता!
सच्चाई को सफ़ाई की ज़रुरत नहीं होती,
विश्वास के टूटने में एक आजमाईश ही काफ़ी हैं होती
बस एक गलतफहमी महज़ एक रिश्ते में दरार लाने को काफ़ी हैं होती,
रिश्ता वहां बरक़रार हैं होता
जहां विश्वास के साथ समझदारी और एक की रज़ा में दूसरे की ख़ुशी...
सच्चाई को सफ़ाई की ज़रुरत नहीं होती,
विश्वास के टूटने में एक आजमाईश ही काफ़ी हैं होती
बस एक गलतफहमी महज़ एक रिश्ते में दरार लाने को काफ़ी हैं होती,
रिश्ता वहां बरक़रार हैं होता
जहां विश्वास के साथ समझदारी और एक की रज़ा में दूसरे की ख़ुशी...