अंधेरा दूर हो जाएगा
बादल गरजा
बिजली चमकी
काली घटा छाई
बरखा ऋतु आई
सावन की फुहार है
मौसम खुशगवार है
दिल को लुभा रहा है
सुकून अब आ रहा है
अब ये पल रूकें नहीं
बरसते मेघ रुकें नहीं
सांसों में सुकून आया
गर्मी से निजात लाया
निष्पक्ष बररसते हुए
छा गए बेदोश बादल
रहमत का नीर बरसा
हर कोई दिखे कायल
उस पुरानी झोंपड़ी में
कयामत सी है...
बिजली चमकी
काली घटा छाई
बरखा ऋतु आई
सावन की फुहार है
मौसम खुशगवार है
दिल को लुभा रहा है
सुकून अब आ रहा है
अब ये पल रूकें नहीं
बरसते मेघ रुकें नहीं
सांसों में सुकून आया
गर्मी से निजात लाया
निष्पक्ष बररसते हुए
छा गए बेदोश बादल
रहमत का नीर बरसा
हर कोई दिखे कायल
उस पुरानी झोंपड़ी में
कयामत सी है...