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गुरु पूर्णिमा विशेष
गुरु पूजन की शुभ घड़ी आई,
यह प्रथा कब से और कैसे चली आई,
आओ बताऊं मैं इसकी सच्चाई।
आषाढ़ मास की पूर्णिमा थी वह,
जब महर्षि वेदव्यास ने अपने शिष्यों की पुराणों से थी पहचान कराई,
कृतज्ञ शिष्यों ने गुरु पूजन की तब से थी प्रथा चलाई।
इसलिए हर सनातनी के लिए इसदिन उस गुरु की विशेष महत्ता बतलाई,
जिसने मातृभाषा सिखलाई।
अक्षर ज्ञान ही ना होगा तो,
कैसे होगी पुराणों से पहचान मेरे भाई,
सभी गुरुजनों को गुरु पूर्णिमा की ढेरों बधाई।
© kalyani