...

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सुबह

गरम गरम लडू सा सूरज लिपटा बैठा लाली मे सुबह सुबह रख आया कौन इसे आसमान की थाली मे
मूंदी आँख खोली कलियों ने चिड़ियों ने गाया गाना गन गन करते भवरों ने खिलते फूलों को पहचाना
तभी आ गई फुदक फुदक कर एक तितलियों की टोली मधुमखियों ने मधु रस लेकर भर डाली अपनौ झोली
उठो उठो हम लगे काम पर तब आगे बढ़ पाएँगे वे क्या पाएँगे जीवन मे जो सोते रह जाएंगे
© 🄷 𝓭𝓪𝓵𝓼𝓪𝓷𝓲𝔂𝓪