...

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❤️ चाहत ❤️
हर चढ़ती सांसे मन में मेरे,
यही दुआएं लाती है।
खुशियां उनके संसार में हो,
मुझे खुशियां फिर मिल जाती है।
खुशकिस्मत हूं मैं इतनी कि,
मुझे सिर पर उनका हाथ मिला।
ये सोंच के मैं दिन गिनती हूं,
पर रात गुजरती जाती है।

उन्हें पाकर मेरी दुनिया में,
इक खुशियों का संसार खिला।
उन्हें देख के तकलीफें इन,
आंखों से ओझल हो जाती है।
पापा कह कह के सोंच रही,
इस शब्द की मैं गहराई को।
भगवान भी कह दूं मैं उनको,
पर देख न ख़ुद को पाती हूं।
क्योंकि मैं उस लायक बनी नहीं,
जो उनसे ख़ुद को जोड़ सकूं।
पर ईश्वर के इस कर्ज़ को पाकर,
कर्ज़दार हो जाती हूं।

इन सांसों में बस एक ही चाहत,
एक ही दुआ समाती है।
खुशियां उनके संसार में हो,
मुझे खुशियां फिर मिल जाती है।
चाहत की इस आंधी के,
ठहराव को कब से ढूंढ रही
बस हंसता उनको देख के,
सांसें थम जाए.... कह जाती हूं।।
❤️✨😊✨❤️