“आपका एहसास”
आपके आ जाने से सीखा मैंने हंसना
आपको पा जाने से सीखा मैंने जीना
आपकी खुशी देख पाईं मैंने खुशियां
आपकी आहट से जगमगाई मेरी दुनिया
आपके स्पर्श से फिर आया शर्माना
आपके मौजूदगी ने दिल को सिखाया भरमाना
आपके निहारने पर लगी हूं मैं इतराने
आपकी नशीली आंखों से लगी हूं अब कतराने
आपके इशारे मुझे छल जाते हैं
आपकी नजरों से हम मचल जाते हैं
आपका एहसास ही दिल को काफी है
आपसे हो गया है प्यार यही इसकी गुस्ताखी है...
© ढलती_साँझ
आपको पा जाने से सीखा मैंने जीना
आपकी खुशी देख पाईं मैंने खुशियां
आपकी आहट से जगमगाई मेरी दुनिया
आपके स्पर्श से फिर आया शर्माना
आपके मौजूदगी ने दिल को सिखाया भरमाना
आपके निहारने पर लगी हूं मैं इतराने
आपकी नशीली आंखों से लगी हूं अब कतराने
आपके इशारे मुझे छल जाते हैं
आपकी नजरों से हम मचल जाते हैं
आपका एहसास ही दिल को काफी है
आपसे हो गया है प्यार यही इसकी गुस्ताखी है...
© ढलती_साँझ