कुछ अनसुने फसाने,
कुछ यूंही अकेले में ,
मैं अक्सर तन्हा हो जाता हूं,
कोई नहीं जमाने में अपना,
मैं कमबख्त भूल जाता हूं,
जमाने भर के लोग है यहां,...
मैं अक्सर तन्हा हो जाता हूं,
कोई नहीं जमाने में अपना,
मैं कमबख्त भूल जाता हूं,
जमाने भर के लोग है यहां,...