देह में प्राण सी, हृदय में स्पंदन सी
देह में प्राण सी , हृदय में स्पंदन सी,
धमनियों में रक्त सी, मुख में आनंद सी,
संचरित रहो तुम संचरित रहो तुम।
कविता सी कोई , मनोहर...
धमनियों में रक्त सी, मुख में आनंद सी,
संचरित रहो तुम संचरित रहो तुम।
कविता सी कोई , मनोहर...