अनछुआ सा स्पर्श
एक अनछुआ सा स्पर्श महसूस होता है तुम्हारा
जैसे मेरे कंधे को दे रहा कोई कंधे का सहारा
हर लम्हा दिल का यूं बार बार धड़कना
मीठे मीठे एहसासों से गुजरना
कभी रूठना कभी मानना मेरा तुम्हारा
एक अनछुआ सा स्पर्श होता है तुम्हारा
तुम्हारे हाथों पर रख के हाथ
होती रहे रातों को लंबी सी मुलाकात
कितना सुकून भरा वक्त गुजरे हमारा
एक अनछुआ सा स्पर्श होता है तुम्हारा
© स्वस्तिका