...

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पापा❤️🙏🌹
आओ सूनाऊ उस इन्सान की कहानी
पापा जिसे बोलते हम सब
उपर से एकदम कठोर ,
अन्दर से मखमल से प्यारे,

आज भी याद है स्कूल का पहला दिन
स्कूल भले ही मैं गई लेकिन चिंता में दिन भर वो बैठे रहे
घर में छोटा बड़ा कोई भी त्यौहार हो..
जब बात फोटो खींचाने की आती है,
पापा हमेशा किनारे होते....फुरसत में ही नहीं होते

दीदी की शादी में खड़े रहे
मंडप के बाहर बारात का स्वागत करने के लिए
खड़े रहे रात भर हलवाई के पास
कभी भाजी में कोई कमी ना रहे
खड़े रहे खाने की स्टाल के साथ
कोई स्वाद कहीं खत्म न हो जाए,
खड़े रहे विदाई तक,
दरवाजे के सहारे और टैंट के
अंतिम पाईप के उखड़ जाने तक

पापा लाखों दर्द अपने अंदर छुपा कर "बहुत खुश हु" ये कह कर घरवालों से न जाने अपने कितने जख्म छिपाते हैं !

किसी इन्सान या वस्तु के खातिर
पापा को दोषी ठहराना बन्द करो
पापा का भी दिल होता हैं
थोड़ा तो उनपे भी रहम खाया करो ,
वो पहले ही बहुत कुछ सहे हैं,
उसके पास भी एक दिल हैं उसे ,
और तोड़ कर कमजोर मत बनाया करो ,
पापा को महसूस कराओ वो कितना जरूरी है!


© miss pandey