गज़ल
भरोसा गर करो हम पे यकीं तुमको दिला देंगे
लिखा तुमने गज़ब कितना समीक्षा में बता देंगे
हमेशा ही नमन झुक कर करो मां शारदे को तुम
यहीं फिर देखना इक दिन सभी शायर दुआ देंगे
फकत इक दिन में कोई भी कभी ज्ञानी नहीं बनता
मगर अभ्यास निश दिन के गज़ल तुमको सिखा देंगे
नहीं हम जानते ज्यादा मगर इतना है अंदाजा
यही अभ्यास इक दिन तुमको पारंगत बना देंगे
भले लिखना नहीं आता मगर हूं पाठिका अच्छी
तिरे लहज़े बताते हैं शिखर तुझको छुआ
देंगे
ये पंक्तियां काफी समय पहले हितेंद्र जी के लिए लिखी थी। उन दिनों वे बहुत अच्छी तुकबंदियां करते थे परंतु गज़ल,बहर से अपरिचित थे। आज जब वे शायर हो चुके हैं,मुझे बहुत बहुत खुशी है कि मेरी पंक्तियां सच्ची सिद्ध हुई।😊
© नीटू कुमार नीता
लिखा तुमने गज़ब कितना समीक्षा में बता देंगे
हमेशा ही नमन झुक कर करो मां शारदे को तुम
यहीं फिर देखना इक दिन सभी शायर दुआ देंगे
फकत इक दिन में कोई भी कभी ज्ञानी नहीं बनता
मगर अभ्यास निश दिन के गज़ल तुमको सिखा देंगे
नहीं हम जानते ज्यादा मगर इतना है अंदाजा
यही अभ्यास इक दिन तुमको पारंगत बना देंगे
भले लिखना नहीं आता मगर हूं पाठिका अच्छी
तिरे लहज़े बताते हैं शिखर तुझको छुआ
देंगे
ये पंक्तियां काफी समय पहले हितेंद्र जी के लिए लिखी थी। उन दिनों वे बहुत अच्छी तुकबंदियां करते थे परंतु गज़ल,बहर से अपरिचित थे। आज जब वे शायर हो चुके हैं,मुझे बहुत बहुत खुशी है कि मेरी पंक्तियां सच्ची सिद्ध हुई।😊
© नीटू कुमार नीता