...

18 views

"वफ़ा करना मुझसे" (गीत)
वफ़ा करना मुझसे
       (गीत)

हूँ इतना बुरा मैं तेरी जिन्दगी में,
मुझे माफ़ करना नहीं यार तुम।
मगर जो खता ही नहीं हो हमारी,
वफ़ा करना मुझसे नहीं प्यार तुम।।

इल्ज़ाम जो भी लगे हैं ये सर पे,
धोकर उन्हें मुझको मरना कबूल।
अगर हों जो इल्ज़ाम दुनिया के झूठे,
नश्तर से चुभेंगे फ़िज़ाओं के फूल।
वो गुश्ताखियाँ करने वाले कहाँ हैं,
फिर सच को करोगे क्या लाचार तुम।
मगर जो खता ही नहीं हो हमारी,
वफ़ा करना मुझसे नहीं प्यार तुम।।

हैं चमकते जो चेहरे उन्हें नूर समझो,
मगर दिल से हम भी तो कोहिनूर हैं।
जो तुमने है पकड़ा वो दामन है झूठा,
तभी तो सनम तुमसे हम दूर हैं।।
जुबाँ तीर से तीखी चलती तुम्हारी,
मैं साहिल के इस पार उस पार तुम।
मगर जो खता ही नहीं हो हमारी,
वफ़ा करना मुझसे नहीं प्यार तुम।।

हूँ इतना बुरा मैं तेरी जिन्दगी में,
मुझे माफ़ करना नहीं यार तुम।
मगर जो खता ही नहीं हो हमारी,
वफ़ा करना मुझसे नहीं प्यार तुम।।

भूपेन्द्र डोंगरियाल
24/08/2020


© भूपेन्द्र डोंगरियाल