...

25 views

राम जी की रोटी
#सपनेऔरदुःस्वप्न

दीदी रोटी है क्या,
पतीला ढकने ही वाली थी कि,
दालाने वाले कमरे से आवाज आई,
जहां घर के कुल सदस्य,
बैठ के खाना खा रहे थे,
खाने में नमक कम है अम्मा,
ऐसे कह,
झूठमूठ ही दीदी को चिढ़ा रहे थे,
हा भाई,
ले आई,
ये कहते कहते,
मैं अपने हाथ पतीले के तरफ बढ़ाई,
रोटी सिर्फ एक बची थी,
मेरे रोज के पेट के भूख के साथ,
राम जी का एक हिस्सा,
मैंने पतीले से रोटी उठाई,
और भाई को दे डाली,
तेरे लिए है ना बेटा,
हां अम्मा,
है,
तब मैंने एक सपना देखा था,
तालिमों के साथ,
घर का भरा पेट,
यही कहा था,
एक रोज,
जब...