सपने
चार आंखों ने सपने देखे,
दो आंखों में आंसू क्यों,
दो दिल का सौदा था जब
फिर एक दिल तन्हा रोए क्यों।
✍️ranjitsingh
© ranjitsingh
दो आंखों में आंसू क्यों,
दो दिल का सौदा था जब
फिर एक दिल तन्हा रोए क्यों।
✍️ranjitsingh
© ranjitsingh