...

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demand जाट की
गाम मैं तू देखिए हां टोर मेरी र, ना बण जावै देख कोई और मेरी र
मेर प नशा है बस तेरा गौरी र, तू सोच री है उतरी ना भांग रात की
धीरे धीरे अपनी बणा लूंगा तनै, इब तो बणी स तू डिमांड जाट की

गाम म तो मोटो मोटो होरी स घणी, बेरा ना तू कीत त मोटी लागै स
मेर त तू करै स मख़ौल रोज र, बिहेव त तू घणी र हाँ नॉटी लागै स
करले स ओल्हा तू र मन्नै देख के, खींचे स रोज तू क्यूं टांग जाट की
धीरे धीरे अपनी बणा लूंगा तनै, इब तो बणी स तू डिमांड जाट की

ओलहे मैं भी तेरा घणा नूर सा झड़ै, देखते ही तन्नै कोहिनूर मैं कहूँ
छुप के न देखगा मैं मुखड़ा तेरा, देखी ना मैं कदे इसी हूर मैं कहूँ
रोज रोज सपणा मै आण लाग गी, छोड़ दे तू इब या घाण नाट की
धीरे धीरे अपनी बणा लूंगा तनै, इब तो बणी स तू डिमांड जाट की

तेरे बिन जाट नही रहण पावेगा, बैठ के ना कल्ला मैं ना रोण पाऊंगा
कर दूंगा विश तेरी हर मैं पूरी, तेरे बिना खुशी ना संजोण पाऊंगा
Sk की जिंदगी का पाट दूसरा, काम ना आवै चाकी एक पाट की
धीरे धीरे अपनी बणा लूंगा तनै, इब तो बणी स तू डिमांड जाट की

© SK
#poembysk #WritcoQuote