...

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खुदा की रहमत ढूंढ रहा हु
मैं जिंदा रहनी की,
दावा ढूंढ रहा हु।(२)
अंधेरा बहोत हैं यहां,(२)
मैं सूरज ढूंढ रहा हु।(२)

किए है गुनाह मैंने बहुत,
अब शर्मिंदा hu(२)
माफी के लिए
खुदा की रहमत ढूंढ रहा हु(२)

मैं जिंदा रहनी की,
दावा ढूंढ रहा हु।(२)
गफलत में था की यह दुनिया मेरी है(२)
होश में जब आया ,
तो अपना मकान ढूंढ रहा हु
मैं जिंदा रहनी की,
दावा ढूंढ रहा हु।(२)

© niaz(harf)