...

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आईना या रूह से बात
बंदे ने आईने से पूछा,
ऐ आईना, मैं तेरे सामने और तू मेरे सामने,
फिर क्यूँ नहीं तुझे मेरा असली चेहरा दिखा;
जानता हूँ कुछ गलतियाँ कुछ गुनाहें होगई थी मुझसे,
भूलाकर उन्हें, सर को तू ऊंचा रखना सिखा;
कहते हैं सब कि, भुगतेगा तू सजा, किये का अपने,
हाँ... दिलसे माफी मांग ली मैने, अब क्या बदल पायेगा तू मेरे तकदीर का लिखा;
ऐ...