बस्ती
शहर के चकाचौंध में एक बस्ती ऐसी देखी मैंने।
रोते,बिलखते और टूटी हस्ती ऐसी देखी मैंने।
एक तरफ़ अंधियारा दूसरी तरफ़ उजाले में बीत रही जिंदगी ऐसी देखी मैंने।
इमारतों पर इमारतें भी देखी और टूटी छत से टपकती बूंदे भी देखी।
शहर के चकाचौंध में एक बस्ती ऐसी देखी मैंने।
रोते,बिलखते और...
रोते,बिलखते और टूटी हस्ती ऐसी देखी मैंने।
एक तरफ़ अंधियारा दूसरी तरफ़ उजाले में बीत रही जिंदगी ऐसी देखी मैंने।
इमारतों पर इमारतें भी देखी और टूटी छत से टपकती बूंदे भी देखी।
शहर के चकाचौंध में एक बस्ती ऐसी देखी मैंने।
रोते,बिलखते और...