लक्ष्य
आगे बढ़, आगे बढ़, सपनों की तू डगर पकड़,
कर्मों की धारा में तू, अपना नाम अमर कर।
ठोकरें खाकर भी तू, मुस्कुराना ना भूल,
सफलता की इस जंग में, कभी हार मानना ना तू।
उड़ान भर, आसमान...
कर्मों की धारा में तू, अपना नाम अमर कर।
ठोकरें खाकर भी तू, मुस्कुराना ना भूल,
सफलता की इस जंग में, कभी हार मानना ना तू।
उड़ान भर, आसमान...