रात
"एक कहानी भूलने पर एक कहानी याद
बोलने वालो को क्या कुछ मुह जवानी याद है
ऐ दरख़्तो के साए हर समय रहते नही
रहती है वह याद जिसकी एक कहानी
'याद ,है
रास्तो कि धूल मे वह धूल जो उङती नही
दरख़्तो कि छाव मे वह धूप जो खिलती...
बोलने वालो को क्या कुछ मुह जवानी याद है
ऐ दरख़्तो के साए हर समय रहते नही
रहती है वह याद जिसकी एक कहानी
'याद ,है
रास्तो कि धूल मे वह धूल जो उङती नही
दरख़्तो कि छाव मे वह धूप जो खिलती...