Harshi❤️ Ka janamdin
पहली बार जब तुझको देखा था।
तेरे सिर पर ब्लैक टोपा था।
और बड़ी तेज़ चला हवा का झोका था।
गिरते गिरते रह गया मैं
तेरी मुस्कराहट ने जो रोका था।
अर्जुन बोला बेटा चूक गया
अच्छा मौका था।
तू नहीं मानेगी प्यार तो उसी समय होगया था
पर बहुत कोशिश करके मैंने खुद को रोका था।
पर आखिर में नहीं रोक पाया
और बह गया उसमें मैं जब तेरे प्यार का बहुत तेज़ चला हवा का झोका था।
मांगा नहीं भगवान से तुझे कभी
मांगा तो सिर्फ
की भगवान दे दे उसे खुशियां सभी।
सोचता रहता हूं कि कमियां है मुझमें अभी।
सुधर चुका हूं मैं अभी
अब नहीं आता नजर मुझे वो आकाश जो हुआ करता था कभी।
की तू थी मेरी हर मन्नत में
अब तो ऐसा लगता है कि
शायद ऐसी परियां ही रहती होंगी जन्नत में।
और ऐसा हो नहीं सकता कि तेरा ज़िक्र ना हो आकाश की किसी मन्नत में।
की अभी ज्यादा वाकिफ नहीं हूं मैं जन्नत से
बस शुक्रगुजार हूं भगवान का कि
मेरे लिए एक परी निकाल भेजी भगवान ने जन्नत से।
मेरे दिल और आंखों में तो तेरे चित्र मिल रहे है।
और मुझे भरे बाग़ में फूलों की भांती नए मित्र मिल रहे है।
पर तुझे कोई नहीं हटा पाया तेरी जगह से
क्यूंकि मेरे प्यार के...
तेरे सिर पर ब्लैक टोपा था।
और बड़ी तेज़ चला हवा का झोका था।
गिरते गिरते रह गया मैं
तेरी मुस्कराहट ने जो रोका था।
अर्जुन बोला बेटा चूक गया
अच्छा मौका था।
तू नहीं मानेगी प्यार तो उसी समय होगया था
पर बहुत कोशिश करके मैंने खुद को रोका था।
पर आखिर में नहीं रोक पाया
और बह गया उसमें मैं जब तेरे प्यार का बहुत तेज़ चला हवा का झोका था।
मांगा नहीं भगवान से तुझे कभी
मांगा तो सिर्फ
की भगवान दे दे उसे खुशियां सभी।
सोचता रहता हूं कि कमियां है मुझमें अभी।
सुधर चुका हूं मैं अभी
अब नहीं आता नजर मुझे वो आकाश जो हुआ करता था कभी।
की तू थी मेरी हर मन्नत में
अब तो ऐसा लगता है कि
शायद ऐसी परियां ही रहती होंगी जन्नत में।
और ऐसा हो नहीं सकता कि तेरा ज़िक्र ना हो आकाश की किसी मन्नत में।
की अभी ज्यादा वाकिफ नहीं हूं मैं जन्नत से
बस शुक्रगुजार हूं भगवान का कि
मेरे लिए एक परी निकाल भेजी भगवान ने जन्नत से।
मेरे दिल और आंखों में तो तेरे चित्र मिल रहे है।
और मुझे भरे बाग़ में फूलों की भांती नए मित्र मिल रहे है।
पर तुझे कोई नहीं हटा पाया तेरी जगह से
क्यूंकि मेरे प्यार के...