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ज़िद्दी
माना की थोड़ा ज़िद्दी हूं,,
पर फिक्रमंद भी हूं।।
दिखावे की दोस्ती नहीं है मेरी,,
आवारगी सी सीरत नहीं है मेरी।।
इलज़ाम आप पे ना लगाए है,,
बस परेशानी के काले साए है।।
मानता हूं मैने तकलीफे दी है,,
पर मैने भी कुछ तो सही है।।
पहले तो में ऐसा ना था,इस बात का ख्याल करना,,
कुछ तकलीफों की खातिर बदला था,, इसपे ऐतबार करना।।
मुझे नहीं मालूम माफी मिलेगी या नहीं,,
सारी ही गलती मेरी है,,ये बात भी तो सही नहीं।।
पर फिक्रमंद भी हूं।।
दिखावे की दोस्ती नहीं है मेरी,,
आवारगी सी सीरत नहीं है मेरी।।
इलज़ाम आप पे ना लगाए है,,
बस परेशानी के काले साए है।।
मानता हूं मैने तकलीफे दी है,,
पर मैने भी कुछ तो सही है।।
पहले तो में ऐसा ना था,इस बात का ख्याल करना,,
कुछ तकलीफों की खातिर बदला था,, इसपे ऐतबार करना।।
मुझे नहीं मालूम माफी मिलेगी या नहीं,,
सारी ही गलती मेरी है,,ये बात भी तो सही नहीं।।
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