...

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अंधकार से उजाला
दर्द का अंधेरा मन से जाता नहीं
प्रेम का उजाला कहीं नज़र आता नहीं
अंधकार से निकाल
ले चलूँ मैं तुझे भगा
चल मेरे संग उजाले की तरफ़
छोड़ दे तू अपना हर सिफ़र
होकर रहे जहांँ तू ख़ुद में मलंग
ना छोडूँ तुझे उड़ता रहे बन पतंग
बनूंँ मैं ऐसा तेरा पथ...