...

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याद आऊंगी तुम्हे
❤️💐❤️💐❤️💐
नाम वालों की बस्ती में,
एक मेरा भी ठिकाना है।
वक्त बदलेगा जब कभी,
दुनिया को दिखाना है।।

भले ही शहर की गली,
पर मंदिर पुराना है।
हंसना - हंसाना यहां,
मस्ती में जीना है।।

कोई आए तो स्वागत करू,
न आए तो शिकवा नहीं।
जहां में सलामत रहे वो,
है ईश्वर से विनती मेरी।।

आओ मेरी गली में कभी,
मीठी चुस्की मिलेगा तुम्हे।
मन रमेगा तुम्हारा यहां,
याद आऊंगी हर पल तुम्हे।।
::::: ❤️अमृता, समस्तीपुर❤️
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