हालात सुधर जाते हैँ
हालात सुधर जाते हैँ =
कितने संकट आ जाते हैं
और हालात सुधर जाते हैं।
गगन में बादल घिर जाते हैं
डरा -डरा कर उड़ जाते हैं।
बारिश भी बदल कर जाते हैं
एक नया चित्र दे जाते हैं।
वीर धीर नहीं डर जाते हैं
सचेत हो कर्तव्य निभाते हैं।
मातृभूमि का मान रखाते हैं
मानवता के प्राण बचाते हैं।
महान कब खुद को जी पाते हैं...
कितने संकट आ जाते हैं
और हालात सुधर जाते हैं।
गगन में बादल घिर जाते हैं
डरा -डरा कर उड़ जाते हैं।
बारिश भी बदल कर जाते हैं
एक नया चित्र दे जाते हैं।
वीर धीर नहीं डर जाते हैं
सचेत हो कर्तव्य निभाते हैं।
मातृभूमि का मान रखाते हैं
मानवता के प्राण बचाते हैं।
महान कब खुद को जी पाते हैं...