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असहिष्णु
हो भट समर्थ और
समक्ष गर अन्याय हो
सहिष्णु हो मूक हो
तो क्लीव का पर्याय हो
अगर दनुज के पक्ष में
खड़ा अगर द्विज हो
हो गुरू विशिष्ट कोई
या कि कुल क्षितिज हो
रक्त नदी के तीर पर
फिर उसका श्राद्ध हो
दुष्टता का अंत हो
चाहे वो कितनी भी अगाध हो
कैलाश
समक्ष गर अन्याय हो
सहिष्णु हो मूक हो
तो क्लीव का पर्याय हो
अगर दनुज के पक्ष में
खड़ा अगर द्विज हो
हो गुरू विशिष्ट कोई
या कि कुल क्षितिज हो
रक्त नदी के तीर पर
फिर उसका श्राद्ध हो
दुष्टता का अंत हो
चाहे वो कितनी भी अगाध हो
कैलाश
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