एक फौजी का दिल
चलो आओ पढते हैं एक फौजी का दिल
जिसमें छिपी है उसके परिवार की फ़िक्र
वो परिवार जिससे वो दूर है
रहना दूर बडा ही क्रूर है
'फौजी का फौलादी सीना' तो सुनते हैं पर उसके नम्र दिल की गाथा कोई गाता नहीं है
शहीद होने पर वीरता पुरस्कार तो देते हैं पर
हर पल जो खतरे में जीया कोई बतलाता नहीं है
मखमली गददों पर नहीं पत्थर पर सिर है रखते
सुनकर एक आहट आधी रात को भी झट से उठते
आखों में उनकी ख्वाब नहीं, सो न जाऊं मग्न होकर ये डर होता है
सवेरे आंख खुले तो माथे को सहलाता मां का हाथ नहीं, दुश्मन की गोली...
जिसमें छिपी है उसके परिवार की फ़िक्र
वो परिवार जिससे वो दूर है
रहना दूर बडा ही क्रूर है
'फौजी का फौलादी सीना' तो सुनते हैं पर उसके नम्र दिल की गाथा कोई गाता नहीं है
शहीद होने पर वीरता पुरस्कार तो देते हैं पर
हर पल जो खतरे में जीया कोई बतलाता नहीं है
मखमली गददों पर नहीं पत्थर पर सिर है रखते
सुनकर एक आहट आधी रात को भी झट से उठते
आखों में उनकी ख्वाब नहीं, सो न जाऊं मग्न होकर ये डर होता है
सवेरे आंख खुले तो माथे को सहलाता मां का हाथ नहीं, दुश्मन की गोली...