कौन गलत?
कोई भूका निद्रासन ना करे,ना दे कोई नशापान का साथ
हर कोई हस्ते हस्ते रहे,नीच कुकर्म के नाते काटे कारावास
हथेली मस्लेंगेना,जो बोली एक,उसका तुरंत हाजरी मिलेगा
मजबूरियां छिनलो मुझसे,देखो तो दुनिया कैसे गलत रहेगा
चूपी है जनाजे में,हला शोर है अगर आज इस शामियाने में
जरिए पक्के एक,हकदार हजार,मजबूरी है चोरी से खाने में
पापी,निष्पाप पेट का है सवाल,यह चुप चाप नहीं वो सहेगा
मजबूरियां छिनलो मुझसे,देखो तो दुनिया कैसे गलत रहेगा
सीकढ़ है अर्धांगिनी की, झंझाल आगे पीढ़ी के हकदारों का
रिशते गहरे होते,जब लाचारी घेरे,ज्ञात हो नाम कर्जदारों का
जहां क्या किया नहीं होगा? कल क्या किया? अगर कहेगा
मजबूरियां छिनलो मुझसे,देखो तो दुनिया कैसे गलत रहेगा
कहते है,ज्यादा हसने से निकलेंगे दांत,रोने से आंखे सूजे
उम्र,रवैया नहीं देखते,क्या हो तुम?वो तो पैसे से ही भूजे
जिक्र,दुआ,सलाम सब व्यवहार से,जब तक चालू है चलेगा
मजबूरियां छिनलो मुझसे,देखो तो दुनिया कैसे गलत रहेगा
ADITYA PANDEY©
हर कोई हस्ते हस्ते रहे,नीच कुकर्म के नाते काटे कारावास
हथेली मस्लेंगेना,जो बोली एक,उसका तुरंत हाजरी मिलेगा
मजबूरियां छिनलो मुझसे,देखो तो दुनिया कैसे गलत रहेगा
चूपी है जनाजे में,हला शोर है अगर आज इस शामियाने में
जरिए पक्के एक,हकदार हजार,मजबूरी है चोरी से खाने में
पापी,निष्पाप पेट का है सवाल,यह चुप चाप नहीं वो सहेगा
मजबूरियां छिनलो मुझसे,देखो तो दुनिया कैसे गलत रहेगा
सीकढ़ है अर्धांगिनी की, झंझाल आगे पीढ़ी के हकदारों का
रिशते गहरे होते,जब लाचारी घेरे,ज्ञात हो नाम कर्जदारों का
जहां क्या किया नहीं होगा? कल क्या किया? अगर कहेगा
मजबूरियां छिनलो मुझसे,देखो तो दुनिया कैसे गलत रहेगा
कहते है,ज्यादा हसने से निकलेंगे दांत,रोने से आंखे सूजे
उम्र,रवैया नहीं देखते,क्या हो तुम?वो तो पैसे से ही भूजे
जिक्र,दुआ,सलाम सब व्यवहार से,जब तक चालू है चलेगा
मजबूरियां छिनलो मुझसे,देखो तो दुनिया कैसे गलत रहेगा
ADITYA PANDEY©