...

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"माँ-बाप और उनके सपने"
वो चाहते है हमेशा अपने बच्चो की खुशियाँ ,
जब होता है बच्चो का जन्म, देखते है वो सपने अनेक.
करते है वो इतनी मेहनत ताकि दे पाए बच्चो को खुशियाँ अनेक.
करते है वो पाल पोशकर उनको इतने बड़े, ताकि हो पाए अपने पैरो पर खडे़.
वो दिलाते है बच्चो को स्कूल मे दाखिला, ताकि पढ़-लिखकर उतर पाए अपने सपनो पर खरे
करते है वो मेहनत ताकि दे पाए बच्चो को उचित शिक्षा.
लेकिन बच्चे पा कर अपने सपनो को क्यो भूल जाते अपने माँ-बाप😞
आखिर क्यो बच्चे ऐसा करते क्यों अपने माँ-बाप को ही भूल जाते है??
© pravina rathod