कितने मासूम हो तुम..
कितने मासूम हो तुम... !!
कितने सहज स्वभाव कितने शांत हो तुम.. !!
इतना सताता हूँ.. तड़पाता हूँ तुम्हें..
फिर भी कोई गिले शिकवे नहीं करते..
इतना प्यार कि मेरी नजरों से नजरें चुराया नहीं करते..
मुझे लगता है इंसानी फितरत नहीं है तुम्हारी
अगर किसी और को इतना सताया होता तो शायद वो मुझे कब का छोड़ गया होता..!!
मेरी ऊल जलूल हरकतों से परेशां दिल तोड़ गया होता..
और एक तुम हो.. मैंने कितनी कोशिशें कीं
कभी एकाध बार तो...
कितने सहज स्वभाव कितने शांत हो तुम.. !!
इतना सताता हूँ.. तड़पाता हूँ तुम्हें..
फिर भी कोई गिले शिकवे नहीं करते..
इतना प्यार कि मेरी नजरों से नजरें चुराया नहीं करते..
मुझे लगता है इंसानी फितरत नहीं है तुम्हारी
अगर किसी और को इतना सताया होता तो शायद वो मुझे कब का छोड़ गया होता..!!
मेरी ऊल जलूल हरकतों से परेशां दिल तोड़ गया होता..
और एक तुम हो.. मैंने कितनी कोशिशें कीं
कभी एकाध बार तो...