विवाह...
ज़िंदगी में विवाह उससे करो,
जिससे प्रेम करते हो।
नहीं तो दिल कहीं और होगा,
शरीर कहीं और होगा। और
सारा जीवन एक घुटन बनकर रह
जाएगा।
विवाह से प्रेम नहीं निकल सकता...
जिससे प्रेम करते हो।
नहीं तो दिल कहीं और होगा,
शरीर कहीं और होगा। और
सारा जीवन एक घुटन बनकर रह
जाएगा।
विवाह से प्रेम नहीं निकल सकता...