...

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तू अपनी जुल्फें संवारे।
ख्वाहिश है अगर तुम्हारी तो
हमारी भी है तमन्ना, तुम बनो हमारे।

चाहे तो ये स्याह अंधेरा गवाह हो,
चाहे गवाह हों, ये चांद तारें।

हर रात कुछ ऐसी गुजरे हमारी,
की हर सुबह तू अपनी जुल्फें संवारे।
© वरदान