...

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जीने की अदा बन गये हो...
दोस्ती की घनघोर घटा बन गये हो
मेरा "मान", मेरी ज़िन्दगी बन गये हो।
अब तू माने या न माने, ये तेरी मर्ज़ी
कमबख्त जीने की अदा बन गये हो।।

है जाना पहचाना सा ये तेरा चेहरा
बता दे मुझे क्या इरादा है जरा सा
हर बात तुमसे कह ना सकूँगा
यूँ दौलत के हाथों बिक ना सकूँगा
मेरे दोस्त तुम बेमिसाल मिल गये हो
अब तू माने या न माने, ये तेरी मर्ज़ी
कमबख्त जीने की अदा बन गये हो...
कमबख्त जीने की अदा बन गये हो।।
© highratedmaan